Frequently asked questions about Gall bladder stones

पित्त की थैली क्या है और इसका काम क्या है ?

खाना हजम करने के लिए लिवर पित्त बनाता है और इस को कुछ समय के लिए पित्त की थैली में स्टोर कर देता है. जब जर्रोरत पड़ती है तो पित्त की थैली स्टोर हुए पित्त को आँतों में पंप कर देता है. पित्त की थैली का काम पित्त को स्टोर कर के रखना है, यह पित्त बनाती नहीं है सिर्फ स्टोर कर के रखती है

क्या पित्त की थैली निकाल देने से खाना पचने में दिक्कत होती है

पित्त की थैली पित्त बनाती नहीं है सिर्फ स्टोर कर के रखती है इसलिए इस को निकाल देने से पित्त के बनाने की प्रक्रिया में कोई अंतर नहीं पड़ता.... लिवर अपने हिसाब से पित्त यथावत बनाता रहता है

पित्त की थैली में पथरी क्यों बन जाती है ?

पित्त की थैली में पित्त स्टोर होकर पड़ा रहता है. यदि थैली समय समय पर पूरी तरह से खाली नहीं हो और इसमें कुछ पित्त रुका रहे तो पित्त में उपस्थित कण धीरे धीरे कर के तलछट के रूप में नीचे बैठ जाते है जो आगे चल कर पथरी का रूप ले लेते हैं.

पथरी के साइज का क्या महत्व है ?

देखा जाये तो पथरी का साइज छोटा हो या बड़ा हो दोनों ही स्तिथि में पथरी हानिकारक होती है. कई लोगों का भ्रम होता है की पथरी अभी छोटी है इसलिए इस को इलाज़ की जरूरत नहीं है .... ये बिलकुल गलत धारणा है क्यों की छोटी पथरी भी जानलेवा कम्प्लीकेशन कर सकती है जैसे की पैन्क्रीअटाइटिस, कोलान्जाइटिस यदि पथरी छोटी हो तब भी वो मरीज़ को परेशान कर सकती है और बड़ी हो तब भी दिक्कत कर सकती है इसलिए पथरी के साइज से इसके इलाज़ पर फ़र्क़ नहीं पड़ता हाँ ये बात अलग है की छोटी पथरी अलग तरह के कम्प्लीकेशन करती है और बड़ी पथरी अलग तरह के कम्प्लीकेशन करती है.

पथरी की संख्या का क्या फ़र्क़ पड़ता है

पथरी एक हो, दो हो या फिर अनेक .... हर स्तिथि में कष्टदायक हो सकती है इसलिए इन के नंबर के अनुसार इलाज़ नहीं किया जाता है

पित्त की थैली में पथरी बन जाने के बाद क्या इलाज़ होता है

ऑपरेशन कर के पित्त की थैली को निकाल देना ही इस का इलाज़ होता है

क्या सिर्फ पथरी निकाल कर इलाज़ नहीं कर सकते

नहीं. पूरी दुनिया में इस का एक मात्र इलाज़ पित्त की पूरी थैली निकालना. क्यों की पित्त की थैली खुद ख़राब तरह से काम करती है इसीलिए पथरी बनती है इसलिए थैली को ही निकाला जाता है.

पित्त की थैली निकल जाने के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए ?

खाना चाहिए : हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद, सिंपल खाना, टोंड दूध, केला, सेब,टोस्ट आदि . नहीं खाना चाहिए : मिठाई, तेल - घी से लबालब सब्जी, एक्स्ट्रा तेल घी, रेड मीट आदि

पथरी से क्या कॉम्प्लीकेशन्स होते हैं?

पथरी से इन्फेक्शन, पीलिया, पेन्क्रियाटाइटिस, कोलान्जाइटिस, कैंसर जैसे जानलेवा कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं

किस को कैंसर की संभावना ज्यादा होती है

बहुत सालों तक पथरी हो, परिवार में किसी को कैंसर हुआ हो, गंगा नदी के आस पास रहने वाला हो

पीलिया और पैन्क्रीअटाइटिस कैसे होता है

जब कोई पथरी अपनी जगह से खिसक कर पित्त की टियूब ( बाइल डक्ट) में फंस जाए तो वो पित्त के और पैंक्रियास के जूस के प्रवाह में रुकावट उत्त्पन्न कर देती है और इस से ये कम्प्लीकेशन होते हैं

ये कम्प्लीकेशन ज्यादातर किस केसेस में होते हैं

छोटे पथरी वाले केसेस में ये कम्प्लीकेशन ज्यादा होते हैं, बड़ी पथरी वाले केस में इन्फेक्शन ज्यादा होते हैं

क्या पथरी जानलेवा हो सकती है

जी... पथरी को अगर कम्प्लीकेशन करने का मौक़ा मिले तो ये जान लेवा हो सकती है

क्या इन्फेक्शन में ऑपरेशन करना चाहिए

ऑपरेशन ही बेहतर इलाज़ होता है. ज्यादा देर करने से पित्त की थैली सड़ सकती है, फट सकती है और जान जाने का रिस्क बढ़ जाती है

पित्त की पथरी अगर पित्त की नस में फंस जाए तो क्या हो सकता है

पीलिया, कोलान्जाइटिस, पेन्क्रियाटाइटिस, लिवर इन्फेक्शन

कैसे पता चलता है की पथरी है

सोनोग्राफी सब से ज्यादा आसान इन्वेस्टीगेशन है

क्या हर पथरी जानलेवा हो सकती है

जी... कोई भी पथरी जानलेवा कम्प्लीकेशन कर सकती है

ऑपरेशन किस तरीके से होता है

अधिकतर केसेस दूरबीन पद्यति से होता है जिस से मरीज़ की रिकवरी फ़ास्ट होती है और नार्मल केसेस में सिर्फ २४ घंटे के अंदर ही मरीज़ को डिस्चार्ज किया जा सकता है और ३-४ दिन बाद ही व्यक्ति अपने काम धंधे में लौट सकता है

ऑपरेशन में कितना टाइम लगता है

आप तौर पर १/२ घंटे से लेकर ४५ मिनट में ये ऑपरेशन आसानी से हो जाता है

ऑपरेशन के पहले क्या जांचें जरूरी हैं

जी... हर ऑपरेशन के पहले मरीज़ की ब्लड, हार्ट, लंग्स, किडनी, लिवर की जांचें जरूरी हैं

क्या पित्त की थाली निकल जाने के बाद खाना हज़म नहीं होता

ऐसी बात नहीं है क्यों की पित्त तो लिवर में बनता है.... थैली में तो सिर्फ स्टोर होता है इसलिए थैली निकाल देनेस से कोई बुरा असर हाज़मे पर नहीं पड़ता है